भगवान बुद्ध महाराज के जीवन की सच्ची कहानी | भगवान बुद्ध की जीवन कथा | Gautam Buddha life story in hindi
![]() |
Gautam Buddha Real Life Story |
दोस्तों! भगवान Gautam Budha का नाम आपने जरूर सुने होंगे। भगवान बुद्ध के जीवन कथा इतनी ज्ञानवर्धक और लाभदायक होती है कि उसकी तुलना हो ही नहीं सकता है। उनके जीवन से जुड़े हर घटना हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए काफी है।
आज हम भगवान बुद्ध के जीवन की एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी के बारे में जानने वाले हैं जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। एक बार उनके जीवन में एक ऐसी घटना घटी जो हमें हर समय विनम्र रहने की सीख देती है।
भगवान बुद्ध की सबसे अच्छी कहानी | Gautam Buddha Animated Life Story In Hindi
एक बार भगवान गौतम बुद्ध अकेले ही कहीं जा रहे थे। चलते-चलते शाम हो गयी। वो गांव के ही बाहर एक पेड़ के पास रुक गये। तब तक पास के ही एक गांव के लोगों को पता चला,कि भगवान बुद्ध हमारे गांव में आये हैं।
गांव के सारे लोग भगवान बुद्ध को अपने अपने घर ले जाने के लिए उनके पास चल पड़े। चाहते थे, भगवान बुद्ध उनके यहाँ रुके। सारे लोग उनके पास पहुंच कर उनसे प्रार्थना करने लगे कि आज शाम को आप मेरे यहाँ ही ठहरे तो आपकी कृपा होगी।
भगवान बुद्ध देखे की इतने सारे लोगों की बात कैसे मानु, जाऊंगा तो किसी एक के ही घर। फिर उन्होंने कहा कि नहीं मैं किसी के घर नही जाऊँगा, मैं गांव के ही बाहर यहाँ इस पेड़ के पास ठहर जाऊँगा। आप लोग कृप्या अपने-अपने घर चले जाइये।
सारे लोग बोले कि भगवन आप कृप्या यहां न रुके, यहाँ से हमेशा एक शराबी गुजरता है और पूरे गांव को गाली देता है। आप यहाँ न रुके वो आपको गाली देगा,उल्टा बात बोलेगा। भगवान बुद्ध मुस्कुरा कर बोले आपलोग मेरी चिंता मत कीजिये,शराबी हमको कुछ नहीं करेगा।
सारे लोग बोले भगवान आप उसको नहीं जानते,सबको गाली देता है। बुद्ध एक बार फिर बोले कृप्या आप लोग अपने घर को जाइये हमको कुछ नहीं होगा। सारे गांव के लोग उदास मन से वापस अपने-अपने घर आ गये।
शाम हुई रोज की तरह वह शराबी पीकर सबको गाली देता हुआ आया। वह भगवान बुद्ध को भी बहुत गाली दिया,पर भगवान बुद्ध ने कुछ नही कहा।
ये भी पढ़ें:● सम्पूर्ण गीता सार हिंदी में
गौतम बुद्ध के बचपन की कहानी
बहुत देर बाद जब गाली दे देकर थक गया,तो उसने पूछा आप कौन हो! मैं आपको कितने देर से गाली दे रहा हूँ,आप कुछ बोल क्यों नहीं रहे। कब से आपके साथ गाली-गलौज किये जा रहा हूँ ,आपने बदले में कुछ नहीं कहा।
भगवान बुद्ध ने बड़े ही प्यार से उसको अपने पास बैठने को कहा और बोले कि तुमसे एक बात पुछू उसका सही उत्तर दोगे। शराबी ने कहा पुछिये क्या पूछना चाहते हैं।
● भगवान बुद्ध बरे ही प्यार से पूछा, क्या तुम्हारे घर कभी कोई मेहमान आते हैं।
● शराबी : हां! मेहमान तो हमेशा आते रहते हैं।
● भगवान बुद्ध: फिर तो आप उनकी आदर सम्मान भी करते होंगे।
●शराबी : अब ये भी कोई पूछने की बात है,ये तो सारे लोग करते हैं हम भी उनका बहुत आदर सम्मान करते हैं।
● भगवान बुद्ध : उनके लिये घर में बहुत सारे पकवान,अच्छी-अच्छी मिठाइयां भी बनते होंगे।
● शराबी : अब आप पागल हो गए हो,भला किसी के घर मेहमान आये और पकवान न बनें ये भी कोई बात है, जरूर बनता है।
● भगवान बुद्ध : बड़े प्यार से कहा उनको खाना खिलाने के बाद जो खाना बचता होगा,उसे तो आपलोग ही खाते होंगे।
● शराबी: अब ये भी कोई पूछने की बात है,जो खाना बचता है ,उसको फेंकेंगे थोड़े न उसको हमलोग ही खा जाते हैं।
भगवान गौतम बुद्ध के उपदेश | Bhagwan Gautam Buddha Ki Kahani
तब भगवान बुद्ध बोले ठीक वैसे ही जब तुम्हारा मेहमान का बना हुआ जो वो नहीं खाता उसको तुम खा जाते हो,वैसे ही तुम हमको उस समय से इतने सारे गाली दे रहे हो, जबकि हमने तुमको कुछ नहीं कहा फिर जो तुमने हमको इतने गाली दिया तो वो सारे गाली किसको पड़े। वो सब तुमको ही तो पड़े। वो सारे पाप तुमको ही तो पड़े।
शराबी शर्म से फूट-फूट कर रोने लगा। उसको अपने किये सारे गुनाहों पर बहुत पछतावा हो रहा था।
शराबी भगवान की चरणों में गिर कर अपने पापों के लिए क्षमा मांगने लगा।
भगवान बुद्ध ने उसको प्रेम से अपने गले लगा लिया,और बोले कि तुम्हारे सारे गुनाह माफ किया,बस एक वचन दो कि आज के बाद फिर कभी किसी के साथ गाली गलौज नहीं करोगे।
शराबी उनको वचन दिया आज से मैं सारे बुरे काम छोड़कर अच्छे काम करूंगा, आपके बताये रास्ते पर चलूँगा,कभी किसी को बुरा-भला नहीं कहूंगा।
अगले दिन भगवान चले गये, और वो शराबी पूरा बदल चुका था। गांव के लोग भगवान बुद्ध के इस चमत्कार से अचंभित थे।
आप हमें कमेंट करके जरूर बताइयेगा की ये भगवान बुद्ध के जीवन की सच्ची घटना से आपने क्या सिख लिया।