Gautam Buddha Real Life Inspirational Story in Hindi गौतम बुद्ध

Gautam Buddha Real Life Inspirational Story in Hindi गौतम बुद्ध

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Gautam Buddha Inspirational Story

दोस्तों आज आप सभी को भगवान Gautam Buddha Real Life Inspirational Story In Hindi में एक किसान और उनके साथ हुए बातचीत की बहुत ही प्रेणादायक कहानी सुनाने जा रहे हैं।


एक ऐसी प्रेणादायक कहानी जो हम सभी के जीवन में बहुत कुछ सिख देगी। इस इंस्पिरेशनल स्टोरी से हम जानेंगे कि हमको अपने जीवन को किस तरीके से जीना चाहिए। परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उनका सामना खुले मन से करना चाहिए।


तो चलिए दोस्तों आपको इस Gautam Buddha Real Life Inspirational Story In Hindi में एक गरीब किसान के सारी समस्याओं को भगवान बुद्ध पल भर में कैसे दूर कर दिया पूरी विस्तार से जानते हैं।


Gautam Buddha Real Life Short Inspirational Story In Hindi


एक गांव में एक किसान बहुत दुःखी रहता था। किसी व्यक्ति ने उस किसान को बताया कि तुम अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए भगवान गौतम बुद्ध की शरण में जाओ, वहीँ तुम्हारे दुःखों को दूर करेंगे।


ये सुनकर किसान भगवान गौतम बुद्ध की शरण में चल पड़ा। वो किसान हमारे जीवन में जितनी भी कठिनाइयां होती है उन सभी कठिनाइयों का सामना कर रहा था। किसान ये सोच कर जा रहा था कि भगवान बुद्ध उसके कठिनाइयों को जरूर दूर कर देंगे।


किसान भगवान गौतम बुद्ध के पास पहुंचा उनसे बोला कि मैं एक बहुत गरीब किसान हूँ। मुझे खेती करना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन कभी भी वर्षा पर्याप्त मात्रा में नहीं होती। इसलिए मेरा फसल बर्बाद हो जाता है।


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पिछले साल भी मेरे पास खाने को कुछ नहीं था और इस साल भी जब मैंने फसल बोया तो बहुत वर्षा होने के वजह से पूरा फसल बर्बाद हो गया। अभी भी मेरे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है।


भगवान गौतम बुद्ध उस किसान की सारी बात ध्यानपूर्वक सुन रहे थे पर कुछ बोल नहीं रहे थे। फिर किसान बोला भगवान मैं विवाहित हूँ मेरी पत्नी मेरा बहुत ध्यान रखती है, मैं भी उससे प्रेम करता हूँ पर कभी-कभी वह मुझे बहुत परेशान करती है। 

कभी-कभी वो इतना परेशान कर देती है कि मुझे लगता है अगर वो मेरे जीवन में ना होती तो अच्छा होता और मैं अकेला रहता।


मेरे बच्चे भी है, वो बहुत भले है पर कभी कभी वो मेरा अनादर कर देते हैं और कभी कभी तो वो मेरी बात भी नहीं मानते हैं तो मुझे ऐसा लगता है जैसे कि वो मेरे बच्चे ही नहीं है।


किसान ऐसे ही अपनी सारी बातें भगवान बुद्ध से बताता गया। उसको लगता था कि इसके जीवन में बहुत सारी समस्याएं हैं। उसने अपनी हर एक समस्यायें बताता गया और भगवान बुद्ध उसकी बात सुनते रहे। 


एक समय ऐसा आया जब उसके पास समस्याएं बताने के लिए नहीं बची और वो किसान चुप हो गया। किसान इस बात की प्रतीक्षा करने लगा कि भगवान बुद्ध कुछ उपाय बताएंगे, लेकिन बुध कुछ भी नहीं बोले।


फिर उसने भगवान बुद्ध से कहा- मैं आपके पास आया हूँ क्या आप मेरी समस्याओं का समाधान नहीं करेंगे ? इस पर भगवान बुद्ध ने कहा- मैं तुम्हारी कोई सहायता नहीं कर सकता।


किसान ने सुनकर अचंभित रह गया और उसने बोला- आप क्या कह रहे हैं, सारे लोग कहते हैं कि आप सबके दुःखों का निवारण करते हैं, तो क्या आप मेरे दुःखों का निवारण नहीं करेंगे ? क्या इसलिए कि मैं एक गरीब किसान हूँ ?


इस पर भगवान बुद्ध ने कहा- सभी के जीवन में कठिनाइयां है। केवल तुम्हारे जीवन में थोड़े ना कठिनाइयां है। सभी के जीवन में समस्यायें आती है और चली जाती है, कभी मनुष्य सुखी रहता है तो कभी दुःखी रहता है।


कभी पराये उसे अपने लगते हैं तो कभी उसे अपने भी पराये लगते हैं। ये जीवन चक्र है इससे कोई नहीं निकल सकता। वास्तविकता यह है कि चाहे मेरा हो या तुम्हारा सबके जीवन में कठिनाइयां है।


तुम इन समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते। मैं भी तुम्हारी इन समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता। यदि तुम कठोर तपस्या कर यदि एक समस्या को दूर करोगे तो दूसरा समस्या सामने आकर खड़ी हो जायेगी।


जीवन का कोई भरोसा नहीं है। एक दिन जो तुमको अपने लगते हैं वो सब तुमको एक दिन अपने से दूर कर देंगे और छोड़कर चले जायेंगे। एक दिन ये जीवन भी तुमको छोड़ देगा और तुम भी यहाँ से चले जाओगे। जीवन का कोई भरोसा नहीं है।


समस्यायें हमेशा वैसे ही बनी रहेंगी। आज भी वैसे ही समस्याएं हैं, जैसे की सौ साल पहले थी। समस्याएं हमेशा बन रहेंगी और इन समस्याओं का कोई कुछ उपाय नहीं कर सकता।


इतना सुनकर किसान क्रोधित हो गया। वह बोला सब कहते हैं कि आप महात्मा हो। मैं ये उम्मीद लेकर आपके पास आया था कि आप मेरी सहायता करेंगे। जब आप मेरी समस्याओं का समाधान ही नहीं कर सकते तो मेरा यहाँ आना व्यर्थ ही है।


इसका मतलब हुआ कि सभी लोग झूठ बोलते हैं कि आप सभी के समस्याओं का समाधान करते हैं। आपने तो मेरी एक भी समस्याओं का समाधान नहीं किया। आपसे भले तो वो महात्मा है जो मेरे घर दो वर्ष पहले आये थे। 


वो हमसे दान दक्षिणा करवाई और हमको कुछ समय तक अपार शांति भी मिली साथ ही हमारा दुःख भी कम हुई। लेकिन आपने तो मेरी किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया। आपने तो मुझे सहायता प्रदान करने से साफ मना ही कर दिया।


इस पर भगवान बुद्ध ने कहा- क्या वो सब करने से तुम्हारे सभी दुःख समाप्त हो चुके हैं ? क्या तुम आज पहले से और भी ज्यादा दुःखी नहीं हो ? ये दुःख कभी समाप्त नहीं होता।


उनकी बातों को सुनकर किसान ने कहा- तो क्या मैं ये मान लूं की आप मेरी कोई सहायता नहीं कर सकते हैं और आप मेरी समस्याओं का हल नहीं निकाल सकते हैं ? यदि आप इतनी छोटी छोटी समस्याओं का हल नहीं निकल सकते तो आपका ये ज्ञान किस काम की है?


किसान की बात सुनकर भगवान बुद्ध ने कहा- मैं तुम्हारी सारी समस्याओं का हल तो नहीं कर सकता हूँ। लेकिन तुम्हारी एक दूसरी समस्या का हल जरूर कर सकता हूँ। किसान ने अचंभित होकर कहा- अब दूसरी समस्या कौन सी है?


भगवान बुद्ध ने कहा- तुम्हारी दूसरी सबसे बड़ी समस्या यह है कि तुम नहीं चाहते कि तुम्हारे जीवन में कोई समस्या हो। तुम्हारी इसी समस्याओं  के कारण तुम्हारे सारे दुःखों का जन्म हुआ है। तुम इस बात को स्वीकार कर लो कि जीवन समस्याओं के बिना सम्भव नहीं है।


सभी के जीवन में किसी न किसी प्रकार की समस्यायें होती ही है। अगर तुमको लगता है कि तुम इस दुनिया में सबसे ज्यादा दुःखी हो और तुम्हारे जितना दुःखी कोई नहीं है तो एक बार तुम अपने आसपास देखो क्या वो तुमसे कम दुखी है, क्या तुम्ही को अपना दुःख बड़ा लगता है?


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तुम्हारे आसपास रहने वाले सभी को अपना दुःख ही बड़ा लगता है चाहे उनका दुःख छोटा हो या बड़ा हो। लेकिन वो जिसके साथ घट रहा है वो उसी के लिए बड़ा होता है। हम किसी दूसरे के बारे में कोई विचार नहीं करते हैं। कोई हमारा परिवार या सम्बंधी हो उसका तो थोड़ा विचार कर भी लेते हैं लेकिन अगर कोई दूसरा हो तो उसके बारे में तो बिल्कुल भी नहीं विचार करते हैं।


लेकिन वहीं बात जब हम पर आ जाती है तो हम विचलित हो जाते हैं। अपने जीवन में कोई समस्या ना होने पर या सुख की प्राप्ति होने पर हम दूसरों को उपदेश देने लगते हैं कि ऐसे करो वैसे करो।


तुम्हारे जीवन में सुख आएगा। दुःख आता है और चला जाता है लेकिन जब यहीं घटना हमारे जीवन में घटती है तो ये बात हमको समझ नहीं आती। हम सिर्फ अपने दुःख से दुखी रहते हैं।


तुम्हारी सबसे बड़ी समस्याओं का समस्या यह है कि तुम चाहते ही नहीं कि कोई समस्या हो। अगर तुम ध्यान से देखोगे और समझोगे तो पता चलेगा जीवन सुखों और दुखों से भरा हुआ है।


इसको तुम कभी नहीं बदल सकते। अगर तुम ये चाहते हो कि तुम्हारा जीवन हमेशा सुखों से भरा रहे या फिर दुःखों से भरा रहे तो ये सम्भव नहीं है। हाँ अगर तुम ये चाहते हो कि तुम सुख और दुःख से ऊपर उठ सको तो ये सम्भव है।


सुख और दुःख को हम आने से रोक नहीं सकते लेकिन सुख-दुःख का हम पर कोई प्रभाव नहीं हो ऐसा हम कर सकते हैं। अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारे जीवन में कोई समस्या ना हो तो तुमको ये बात समझना ही होगा कि जीवन में समस्याएं आती ही है। हमें उनसे विचलित नहीं होना चाहिए।


इतना सुनकर किसान भगवान बुद्ध की चरणों में गिर पड़ा और बोला- भगवन मुझे क्षमा करें। मैं इतनी छोटी सी बात समझ नहीं पाया। आपने मेरी हर समस्याओं का समाधान कर दिया। इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूँ। अब मैं जीवन में खुशी पूर्वक रहुँगा। आज से कभी भी सुख और दुःख की वजह से अपना जीवन बर्बाद नहीं करूंगा।


Short Moral Education Story In Hindi इस कहानी से सिख


दोस्तों भगवान गौतम बुद्ध के इस Gautam Buddha Real Life Inspirational Story In Hindi से हमें ये सिख मिलती है कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो हमको घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि सबके पास कोई न कोई समस्यायें जरूर है और सभी अपनी समस्याओं से बखूबी लड़ते हैं।


आप कभी ये मत समझिए कि परेशानी केवल मेरे पास है। अगर आप ये मान लेंगे कि मेरे पास जो समस्या है दरअसल में वो कोई समस्या नहीं है वो मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है तो आप कभी दुखी नहीं रहेंगे। हमेशा खुश रहेंगे।


दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको भगवान गौतम बुद्ध की ये Gautam Buddha Real Life Inspirational Story In Hindi काफी पसंद आई होगी और काफी सिख मिला होगा। आपको अगर ये कहानी पसन्द आयी हो तो आप ज्यादा से ज्यादा शेयर करके सबके जीवन में खुशियां लायें।


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