स्क्वैश खिलाड़ी अनाहत सिंह की जीवनी, विकिपीडिया, उम्र, नेट वर्थ, फैमिली, जाति | Anahat Singh Biography, Wikipedia, Age, Net Worth, Succes Story in Hindi
इस बार बर्मिंघम में आयोजित हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 भारत के खेल में भविष्य के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। एक तरफ जहाँ पदक जीतने के सबसे प्रबल दावेदार नीरज चोपड़ा टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही चोट के चलते बाहर हो गए तो दूसरी तरफ दिल्ली की एक लड़की अनाहत सिंह (Anahat Singh) ने केवल 14 साल की उम्र में राष्ट्रमंडल खेल में शामिल होकर इतिहास रच दिया।
भारत के तरफ से अनाहत सिंह राष्ट्रमंडल खेल में शामिल होने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी है। इतने कम उम्र में ही अपने शानदार प्रदर्शन से इन्होंने दुनिया के बड़े-से-बड़े खिलाड़ी को धूल चटा चुकी है। कहा जाता है कि अगर सपने बड़े हो तो फिर उम्र कोई मायने नहीं रखती। इस कथन को बिल्कुल सच कर दिखाया है दिल्ली की 14 साल की अनाहत सिंह ने।
दिल्ली के इस स्क्वैश खिलाड़ी की भले ही उम्र इतनी कम है, लेकिन इन्होंने महज 14 साल की उम्र में ही बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय दल में शामिल होकर सुर्खियां बटोर ली हैं। इतना ही नहीं अपने पहले ही मैच में अपने से कई साल सीनियर खिलाड़ी को बुरी तरह से हराकर कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार शुरुआत भी की है। शुक्रवार को महिला सिंगल्स के राउंड ऑफ 64 मैच में अनाहत ने अपने से काफी सीनियर खिलाड़ी जैडा रॉस को लगातार तीन गेमों में हरा दिया।
इस मैच में अपने से कई साल बड़ी सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के जेडा रॉस को बुरी तरह मात दे दिया। अनाहत ने पहला गेम 11-5 से जीतकर सभी को चौंका दिया। दूसरे और तीसरे गेम में भी अनाहत ने 11-2, 11-0 से जीतकर इतिहास रच दिया।
इस जीत के बाद उनके आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। लेकिन इनके इस जीत के साथ ही पूरा देश खुशी के मारे उछल पड़ा। इतनी छोटी उम्र में इतनी बड़ी खिलाड़ी को हराने वाली अनाहत अचानक ही सोशल मीडिया सेंसेशन बन गयी है।
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में स्क्वैश इवेंट में भारत के तरफ से भले ही दीपिका पल्लीकल, सौरव घोषाल और जोशना चिनप्पा अनुभवी खिलाड़ी को पदक का दावेदार माना जा रहा है लेकिन अनाहत सिंह के प्रदर्शन पर भी लोगों को काफी गहरी दिलचस्पी होगी।
लेकिन बहुत कम लोग जी जानते होंगे कि इतने कम उम्र में इतनी ऊंची मुकाम हासिल करने वाली अनाहत सिंह कौन है, इनकी जीवनी, सक्सेस स्टोरी क्या है? आइये हम इस पोस्ट के माध्यम से Anahat Singh Biography in Hindi (अनाहत सिंह की जीवनी) के बारे में पूरी विस्तार से जानते हैं।
अनाहत सिंह कौन है | Who is Anahat Singh in Hindi
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में मात्र 14 साल की उम्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली अनाहत सिंह का जन्म 13 मार्च 2008 को दिल्ली में हुआ था। बचपन से इनको भारत के महान बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू के जैसा बनने का सपना था।
इनके इस सपने को पूरा करने में इनके फैमिली ने पूरा सपोर्ट किया। इनके परिवार में सभी को हमेशा से ही खेल के प्रति काफी गहरा लगाव रहा है। खुद इनके पिता गुरशरण सिंह में हॉकी खेलने में काफी हाथ आजमाया था, लेकिन राष्ट्रीय टीम में शामिल नहीं हो सके। परंतु बेटी अनाहत सिंह ने अपने पिता के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इनकी बड़ी बहन अमीरा भी एक बेहतरीन स्क्वैश खिलाड़ी है। वर्तमान में वह दुनिया के टॉप यूनिवर्सिटी में से एक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में स्नातक की पढ़ाई कर रही है। लेकिन वहाँ भी वह महिला टीम के लिए स्क्वैश खेलती हैं।
हालांकि आपके जानकारी के लिए बताते चलें कि अनाहत सिर्फ 6 साल की उम्र में जब पीवी सिंधू को देश के लिए मेडल जीतते हुए देखा तो बस बैडमिंटन खिलाड़ी बनना तय कर लिया। लेकिन बाद में उन्होंने स्क्वैश को अपना प्रोफेशन चुना।
बर्मिंघम में जब पहली बार उनकी मुलाकात भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू से होगा तो उनके लिए किसी सपने सच होने से कम नहीं होगा।
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Anahat Singh Bio, Wiki, Age, Date Of Birth, Net Worth, Medal, Instagram (अनाहत सिंह की जीवनी)
पूरा नाम | अनाहत सिंह |
निकनेम | अनाहत |
उम्र (Age) | 14 वर्ष |
जन्म (Date Of Birth) | 13 मार्च 2008 |
जन्मस्थान | दिल्ली |
पसंदीदा खेल | बैडमिंटन |
पसंदीदा खिलाड़ी | पीवी सिंधु |
प्रोफेशन | स्क्वैश खिलाड़ी |
धर्म | हिंदू |
नेट वर्थ | लगभग $1 मिलियन डॉलर |
Anahat Singh | |
पिता का नाम | गुरशरण सिंह |
माता का नाम | तानी बदेहरा सिंह |
बहन | अमीरा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
अनाहत सिंह का परिवार (Family)
14 साल की उम्र में देश की सबसे कम उम्र में राष्ट्रमंडल खेल में शामिल होने वाली अनाहत सिंह के परिवार में उनके माता-पिता और एक बड़ी बहन है।
पिता गुरशरण सिंह पेशे से एक वकील है जबकि माँ तानी वदेहरा सिंह एक इंटीरियर डिजाइनर है। वही बड़ी बहन अमीरा भी एक बेहतरीन स्क्वैश खिलाड़ी है। वह अंडर-19 लेवल पर भारत की शीर्ष खिलाड़ियों में रह चुकी हैं। अमीरा स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद फिलहाल हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आगे की पढ़ाई कर रही हैं। वहीं अनाहत अभी दिल्ली के चाणक्यपुरी में ब्रिटिश स्कूल कक्षा नौंवी की छात्रा है।
Anahat Singh Success Story in Hindi
बेहद कम उम्र में अपनी प्रतिभा से पूरी दुनिया में छाप छोड़ने वाली अनाहत पीवी सिंधू को खेलते देख केवल 6 वर्ष की उम्र में बैडमिंटन को अपना पसंदीदा खेल बना लिया। बैडमिंटन में भी इनके खेल ने सभी को काफी प्रभावित किया।
बड़ी बहन को देश के कई जगहों पर स्क्वैश टूर्नामेंट खेलने जाना पड़ता था। जिसके चलते इनके माता-पिता को अमीरा के साथ जाना पड़ता था। जिसके कारण अनाहत को भी साथ जाना पड़ता था। बड़ी बहन को स्क्वैश खेलते हुए देख बैडमिंटन पसंदीदा खेल होने के बावजूद 2 साल बाद 8 साल की उम्र में स्क्वैश खिलाड़ी बन गयी। जिसके बाद दिल्ली के सिरी फोर्ट में बड़ी बहन के साथ स्क्वैश खेलना शुरू कर दिया।
8 साल के उम्र से ही पेशेवर कोचिंग लेना शुरू किया। इतनी कम उम्र में ही अनाहत कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया। एक इंटरव्यू में अनाहत ने बताया था कि “मुझे दीवार से टकराने वाली गेंद की आवाज पसंद थी।” इसलिए स्क्वैश खिलाड़ी बन गयी।
स्क्वैश खिलाड़ी अनाहत सिंह का करियर (Anahat Singh Career)
एक बार स्क्वैश खिलाड़ी बनने के बाद इन्होंने अपने खेल में इतनी तेजी से बदलाव लाया कि कुछ ही समय में वह अंडर-11 कैटेगरी में भारत की नंबर 1 खिलाड़ी बन गयी। फिर अंडर-13 कैटेगरी में न सिर्फ भारत की बल्कि पूरे एशिया और यूरोप की नम्बर 1 खिलाड़ी बन गयी। अंडर-13 कैटेगरी में पहुंच गईं।
लेकिन पहली बार इनको पूरे देश में प्रसिद्धि तब मिली थी जब 2019 में अनाहत ने ब्रिटिश ओपन स्क्वैश टूर्नामेंट में अंडर-11 गर्ल्स कैटेगरी में स्वर्ण पदक हासिल किया था। इसके तुरंत बाद देश की इतनी छोटी उम्र की खिलाड़ी ने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीता।
इतना ही नहीं 2020 में अनाहत ने ब्रिटिश और मलेशियाई जूनियर ओपन टूर्नामेंट में रजत पदक जीता। अनाहत इतना पर ही रुकने वालों में से नहीं थी। 2021 में अनाहत ने फिलाडेल्फिया में यूएस ओपन 2021 अंडर-15 स्क्वैश खिताब जीतने के लिए कोर्ट में वापसी की और न सिर्फ वापसी की बल्कि अपने आयु वर्ग में यूएस ओपन चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
इसके अलावा जून 2022 में थाईलैंड में हुए एशियाई जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप अंडर-15 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत के पदक विजेता खिलाड़ी के रूप में अपना पहचान बनाया।
लेकिन बात जब बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 में सेलेक्शन आया तो सभी की निगाहें इन पर टिकी थी। जहाँ चेन्नई स्थित नेशनल कैंप में न सिर्फ सभी सेलेक्टर को अपने शानदार प्रदर्शन से प्रभावित किया बल्कि स्थान भी हासिल किया। इसी के साथ अनाहत बर्मिंघम खेलों के लिए भारतीय स्क्वैश टीम में जगह पाने में कामयाब हो पाई।
फिलहाल वह महिला एकल में भाग लेंगी जहाँ अपना पहला मुकाबला आसानी से जीतकर दूसरे चरण में पहुँच चुकी है और सुनयना कुरुविला के साथ युगल में उतरने के लिए तैयार है।
इनके सफलता में अनाहत के कोच ऋत्विक भट्टाचार्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अनाहत को राष्ट्रमंडल खेलों में हराना बहुत मुश्किल होने वाला है। उसकी कोई कमजोरी नहीं है! सबसे खूबसूरत बात ये है कि उस पर कोई दबाव नहीं है। वह भारत के लिए जरूर पदक लेकर आयेगी।”
आपको इनके बारे में एक और उपलब्धि बताते चलें कि अनाहत सिंह इसी साल 9 अगस्त में फ्रांस में होने वाले विश्व जूनियर्स स्क्वैश चैंपियनशिप 2022 के लिए भी क्वालीफाई किया है। इस टूर्नामेंट में क्वालीफाई करने के साथ ही वह ऐसा करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गयी है।
अनाहत सिंह की उपलब्धि (Achievements)
अनाहत सिंह ने अपने छोटे से करियर में अब तक 2 राष्ट्रीय चैंपियनशिप और 8 अंतरराष्ट्रीय खिताब चुकी है। इसके अलावा ये 46 राष्ट्रीय सर्किट खिताब चुकी है। विशेष रूप से 2019 में ब्रिटिश जूनियर स्क्वैश ओपन और 2021 में यूएस जूनियर स्क्वैश ओपन जीतने वाली पहली खिलाड़ी हैं।
अगर बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने में कामयाब हो जाती है तो भारत के तरफ से कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन जाएगी।
दोस्तों, हमें पूरी उम्मीद है कि आपको अनाहत सिंह की जीवनी (Anahat Singh Biography in Hindi) के बारे में लिखी गयी यह पोस्ट काफी पसंद आई होगी। साथ ही अगर आपको अनाहत सिंह की मोटिवेशनल कहानी पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें धन्यवाद।
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