Bhulai Bhai Biography, Age, Family Wikipedia in Hindi | भुलई भाई की जीवनी, उम्र, राजनीतिक जीवन, परिवार
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के प्रचंड बहुमत से जितने पर एक तरफ पूरे भारत के लोग खुश हैं तो दूसरी तरफ इनके शपथ समारोह को लेकर एक नाम जो सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है।
पिछले पांच सालों में जिस तरह से भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभाली है उसकी मिशाल विपक्षी पार्टी भी करती है। जहाँ योगी जी एक तरफ विकास की पटरी को लगातार रफ्तार देने में लगे रहे तो दूसरी तरफ राज्य के अंदर अपराधियों का जिस तरह से बुरा हाल किया। उसकी चर्चा पूरे भारत में होती है। हर तरफ इनके काम को लेकर खूब सराहना मिलत्ती है।
5 साल के सफल कार्यकाल के दौरान अपनी साफ छवि से अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले योगी आदित्यनाथ जब 25 मार्च को दूसरी बार सीएम पद का शपथ लेंगे तो सबकी निगाहें एक शख्स पर टिकी रहेगी। उस शख्स का नाम है – भुलई भाई।
107 साल के भारतीय जनता पार्टी के सबसे बुजुर्ग कार्यकर्ता रहे भुलई भाई को जब सीएम के शपथ समारोह के लिए निमंत्रण भेजा दिया तो सबके लिए चर्चा का विषय बन गया। सबको जानने की इच्छा हो रही है कि आखिर भुलई भाई कौन है जिनको योगी आदित्यनाथ ने खुद फोन कर शपथ समारोह में आने का न्योता दिया? आइये हम पूरी विस्तार से 107 साल भाजपा के सबसे बुजुर्ग कार्यकर्ता भुलई भाई की जीवनी के बारे में पूरी विस्तार से जानते हैं।
Who Is Bhulai Bhai in Hindi | भुलई भाई कौन है?
भुलई भाई का भारतीय जनता पार्टी के अंदर कितना बड़ा कद है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि चुनाव जीतने के बाद खुद योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहला आशीर्वाद फोन कर भुलई भाई से लिया। न सिर्फ योगी आदित्यनाथ बल्कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह जैसे बड़े नेता भी भुलई भाई के पास फोन कर आशीर्वाद लेते रहते हैं।
भगवा गमछा लिए भुलई भाई ने जब नरेंद्र मोदी के बाद भारत का अगला प्रधानमंत्री बनने की इच्छा योगी आदित्यनाथ को बताई तो सब हैरान रह गए। जिसके बाद से ही चर्चा तेज हो गयी कि भारत का अगला प्रधानमंत्री योगी जी ही होंगे।
आपको बता दें पिछले 70 साल से लगातार पार्टी के लिए काम करते रहे नारायण उर्फ भुलई भाई 107 साल के उम्र में भी पार्टी के लिए उनका सम्मान अभी कम नहीं हुआ है।
107 साल के भुलई भाई बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। आपके जानकारी के लिए बता दें कि भुलई भाई ने भी अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अटल-आडवाणी की तरह जनसंघ (Jan Sangh) से की थी। तब से अभी तक वह भाजपा में उनकी गिनती एक कर्मठ कार्यकर्ताओं में होती है। दो भुलई भाई उत्तर प्रदेश की विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं।
लेकिन इनके अंदर सादगी इस तरह कूट-कूटकर भरी हुई है कि दो बार विधायक बनने के बाद भी ये कभी गाड़ी नहीं खरीद पाए।
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भुलई भाई का जीवन परिचय | Bhulai Bhai Bio, Wiki, Age, Religion

पूरा नाम | नारायण उर्फ भुलई भाई |
निकनेम | भुलई भाई |
वर्तमान पता | कुशीनगर जिले के रामकोला क्षेत्र |
जन्मस्थान | उत्तर प्रदेश |
उम्र | 107 वर्ष |
पद | पूर्व विधानसभा सदस्य |
पार्टी | भाजपा |
विधानसभा क्षेत्र | नौरंगिया |
शिक्षा | एमए, एमएड |
धर्म | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
भुलई भाई का राजनीतिक जीवन (Bhulai Bhai Political Career in Hindi)
भुलई भाई एमए, एमएड जैसे ऊंच शिक्षा हासिल करने के बाद शिक्षा अधिकारी बन गए। लेकिन उनका यहाँ पर काम करने में मन नहीं लगता था। जिसके बाद राजनीति के क्षेत्र में कुछ अलग करने के विचार से 1974 में सरकारी नौकरी छोड़कर जनसंघ के कार्यकर्ता बन गए।
जनसंघ के प्रति उनकी समर्पण देखकर पार्टी ने उनको चुनावी मैदान में उतारा। जिसमें ये भारी बहुमत से विजय हुए। इन्होंने कांग्रेस के वैजनाथ को हराकर अपने पहले ही चुनाव में शानदार जीत हासिल कर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा। दुबारा 1977 में इनको चुनाव में उतारा गया जहाँ इन्होंने फिर से कांग्रेस के ही वैजनाथ को हराकर अपनी धाक जमाई।
जीवन के अंतिम पड़ाव पर जी रहे भुलई भाई 107 वर्ष के उम्र में भी इनकी छवि ईमानदार लोगों में होती है। सादगी ऐसी की हर कोई कायल हो जाये। पार्टी के प्रति त्याग, समर्पण ऐसी है कि राजनाथ सिंह, नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे दिग्गज नेता भी इनके आगे सर झुकाते हैं।
74 साल के राजनीतिक जीवन में पार्टी के अंदर बड़े से बड़े उतार-चढ़ाव आये लेकिन इन्होंने अपने सिद्धांतों और राजनीतिक मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया। पार्टी के हित में अपनी बात बेबाकी से रखने में कभी पीछे नहीं हटे। 1974 और 1977 में जनसंघ के दीपक चुनाव चिन्ह में नौरंगिया विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार विधायक चुने गए और अपने जीत का परचम लहराया।
विधायक चुने जाने के बाद अपनी सादगी और ईमानदार छवि से एक से बढ़कर सरहानीय कार्य किये। बाढ़ से पीड़ित गरीब परिवारों का हालत भोजपुरी भाषा में सबके सामने रखकर काफी वाहवाही लूटी।
भुलई भाई का व्यक्तिगत जीवन (Bhulai Bhai Personal Life)
अपने पूरे जीवन में ईमानदारी और सादगी की मिशाल रहे भुलई भाई दो बार विधायक रहने के बावजूद कभी गाड़ी नहीं खरीद सके। शरीर बस केसरिया रंग का गमछा और धोती कुर्ता उनकी सादगी की सबूत देती है। जब 2002 में इनको विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा तो इन्होंने दुबारा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। लेकिन पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा कभी कम नहीं हुई और वे लगातार पार्टी के भलाई के बारे में सोचते रहते हैं।
उनके इसी ईमानदारी और सादगी ने सभी को प्रभावित किया। जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी का डंक झेल रही थी तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 107 साल के सबसे बुजुर्ग कार्यकर्ता भुलई भाई को फोनकर उनका हालचाल पूछा। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको फोन किया तो उनके नाती ने उनका फोन रिसीव किया।
लेकिन जब उनके नाती को पता चला कि फोन के दूसरी तरफ स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रधानमंत्री ने फोनकर भुलई भाई से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा और आशीर्वाद भी लिया।
अब जब योगी आदित्यनाथ दुबारा से प्रदेश का सीएम बनने जा रहे हैं तो भला इन्हें कैसे भूल सकते थे। शपथ समारोह में आने के लिए स्वयं योगी आदित्यनाथ ने न्यौता। जिसे इन्होंने सहज ही स्वीकार कर लिया। पार्टी के हित में किये गए इनके सराहनीय कार्य को आज भी लोग सम्मान से देखते हैं। आपको क्या लगता है कि भुलई भाई की जीवनी से हमें क्या सीख लेनी चाहिए? कमेंट करके अपना राय देना न भूलियेगा।