Otto Wichterle Biography Wikipedia, Death, Acheinvemnts, Award, History In hindi
आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे शख्स के बारे में जिनके सम्मान में गूगल ने बहुत ही बेहतरीन doodle बनाकर सम्मानित किया है। लेकिन क्या आप जानते हैं उस शख्स का नाम क्या है? Google ने जिस शख्स का इतना बेहतरीन डूडल बनाया है उसका नाम Otto Wichterle है।
गूगल ने 27 अक्टूबर 2021 को इनके 108वें जन्मदिन पर बहुत ही शानदार डूडल बनाकर ओटो विचर्ले को सम्मानित किया है।
आखिर कौन थे Otto Wichterle जिनको गूगल ने इतना बड़ा सम्मान दिया है? अगर आप Otto Wichterle Biography In Hindi के बारे में पूरी विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
ओटो विचर्ले कौन थे (Who Was Otto Wichterle In Hindi)
Who Was Otto Wichterle |
दोस्तों, ओटो विचर्ले एक चेक केमिस्ट थे। चेक रिपब्लिक के प्रोस्टेजोव में जन्में ओटो विक्टेरल को इनको आधुनिक सॉफ्ट कांटेस्ट लेंस के आविष्कार के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। सबसे बड़ी उन्होंने ये कांटेक्ट लेंस घर पर ही बनाया था। इनके पिता का नाम कारेल था, जो एक सफल फॉर्म मशीन फैक्ट्री और छोटे कार प्लांट के सहमालिक थे।
पिता का बिजनेस को संभालने के बजाय ओटो ने साइंस क्षेत्र में अपना जीवन बिताने का सोचा और पिता का लाख समझाने के बाद भी इन्होंने विज्ञान को ही अपना जीवन बना लिया।
ओटो विचर्ले की शिक्षा (Otto Wichterle Education)
ओटो प्रोस्टेजोव में हाइ स्कूल की शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1936 में प्राग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से जैविक रसायन विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। इन सबके अलावा ओटो को मेडिसिन में भी काफी रुचि रहती थी।
ओटो विचर्ले ने 1936 में स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद विश्वविद्यालय में ही रहकर 1939 में रसायन शास्त्र में अपनी दूसरी डॉक्टरेट थीसिस प्रस्तुत किया। लेकिन विश्वविद्यालय ने किसी भी अन्य गतिविधियों को रोक दिया।
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Otto Wichterle Career In Hindi
हालांकि ओटो ने वहाँ के कार्यो में अनुसंधान में शामिल होने और अपने वैज्ञानिक कार्यों को जारी रखने में सक्षम थे। वहां इन्होंने प्लास्टिक के तकनीकी अविष्कार का नेतृत्व किया। इसके बाद 1941 में ओटो विचर्ले की टीम ने पॉलियामाइड धागे को फेंकने और स्पूल करने की प्रक्रिया का आविष्कार किया। इस प्रकार ओटो ने सिलोन नाम के तहत पहला चेकोस्लोवाक सिंथेटिक फाइबर बनाया।
इनके जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब 1942 में किसी कारणवश गेस्टापो द्वारा विचरले को कैद कर लिया गया था लेकिन कुछ महीनों के बाद रिहा कर दिया गया था।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ऑटो विचर्ले विश्वविद्यालय में लौट आए। वे जैविक रसायन विज्ञान में विशेषज्ञ थे और सामान्य और अकार्बनिक रसायन विज्ञान पढ़ाने में इनको महारथ हासिल था। उन्होंने एक अकार्बनिक रसायन शास्त्र एक पुस्तक लिखी, जिसकी अवधारणा अपने समय से आगे थी।
1949 में उन्होंने प्लास्टिक की तकनीक के साथ अपने दूसरे डॉक्टरेट का विस्तार किया और प्लास्टिक प्रौद्योगिकी के एक नए विभाग की स्थापना के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया। 1952 में उन्हें प्राग में इनके शानदार उपलब्धि को देखते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी का डीन बनाया गया।
Otto Wichterle Bio, Wiki, Death, Birthplace, Age, Nationality
जन्म/ Date Of Birth: 27 अक्टूबर 1913
जन्मस्थान/ Birthplace: मोरविया, ऑस्ट्रिया हंगरी
मृत्यु/ Dead: 18 अगस्त 1998
उम्र/ Age: 84 वर्ष
प्रोफेशन: केमिस्ट
प्रसिद्धि का कारण: आधुनिक सॉफ्ट कांटेक्ट लेंस
राष्ट्रीयता: चेक
ओटो विचर्ले की उपलब्धियां (Otto Wichterle Achievements In Hindi)
Otto Wichterle ने अपनी उपलब्धियों के माध्यम से न केवल अपने देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अपनी शानदार उपलब्धियों और गतिविधियों के कारण पूरी दुनिया में विख्यात थे।
इनकी शानदार उपलब्धियों में से प्रमुख इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड कैमिस्ट्री (आईयूपीएसी) था। उन्होंने 1957 और 1965 में इसके Prague symposia की तैयारी में भाग लिया। जिसमे इनके शानदार प्रयास को सभी प्रतिभागियों ने खूब सराहा।
विचरले बहुत अधिक संख्या में पुस्तक लिखने के लिए प्रख्यात थे। वे कार्बनिक, अकार्बनिक और मैक्रोमोलेक्यूलर रसायन विज्ञान, बहुलक विज्ञान और जैव चिकित्सा सामग्री के विभिन्न पहलुओं पर कई स्वतंत्र पुस्तकों के लेखक हैं।
पोलीमराइजेशन, फाइबर, बायोमेडिकल सामग्री का संश्लेषण और आकार देना, उत्पादन के तरीके और बायोमेडिकल उत्पादों से संबंधित मापने के उपकरण। इन सभी पर इन्होंने अपने हुनर से काफी सफलता हासिल की।
1990 में, उन्हें चेकोस्लोवाकिया के विघटन तक चेकोस्लोवाक विज्ञान अकादमी का अध्यक्ष बनाया गया था और उसके बाद चेक गणराज्य के विज्ञान अकादमी के मानद अध्यक्ष बनाया गया। विचरले विज्ञान की कई विदेशी अकादमियों के सदस्य थे, उन्होंने कई विश्वविद्यालयों से कई पुरस्कार और मानद डॉक्टरेट प्राप्त किए।
क्षुद्रग्रह संख्या 3899 का नाम 1993 में विचरले के नाम पर ही रखा गया था। इसके अलावा, चेक गणराज्य में ओस्ट्रावा (पोरूबा जिले में) में एक हाई स्कूल का नाम भी इन्हीं के नाम पर रखा गया था।
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