असफलता से सफलता की कहानी | World Best Motivational Story In Hindi For Students
कई बार आपने अपने जीवन में देखा होगा कि बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे लोग भी असफल हो जाते हैं, लेकिन बहुत कम पढ़े-लिखे लोग भी सफल हो जाते हैं। आखिर ये इतना बड़ा उलटफेर हमारे जिंदगी में कैसे हो पाता है?
क्या आप जानते हैं कि इस सफलता के पीछे का असली कारण क्या है तो चलिए आज हम सब इसी बात को समझते हैं। कम पढ़े-लिखे लोग भी सफल कैसे हो जाते हैं, इस बात को समझाने के लिए आप सबको एक मोटिवेशनल कहानी सुनाते हैं।
इस प्रेरणादायक कहानी को बहुत ही ध्यान से पढ़ियेगा और समझियेगा, क्योंकि हो सकता है ये एक कहानी आपकी जीवन, आपके कैरियर, आपकी सोच सब बदल सकता है। तो चलिए असफलता से सफलता दिलाने वाली प्रेरणादायक कहानी के बारे में जानते हैं।
सफलता दिलाने वाली कहानी | Best Motivational Speech For Employee In Hindi For Success
मानव जिंदगी में असफलता से सफलता का स्वाद चखने के लिए क्या सबसे जरूरी होता है ये सफलता दिलाने वाली कहानी आपको भली भांति बता देगी। बस इस प्रेरक हिंदी कहानी को पूरी जरूरी पढ़ियेगा।
एक बार की बात है जब एक बहुत बड़ी जहाज बनाने वाली कम्पनी ने बहुत ही विशाल जहाज बनाया। उस जहाज को बनाने में बहुत सारा समय और बहुत सारा पैसा लगा हुआ था। इस जहाज को बनाने में बहुत सारे इंजीनियर भी लगे हुए थे।
एक समय ऐसा आया जब जहाज बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका था। अब जैसे ही जहाज को चालू किया गया तो वो जहाज चालू ही नहीं हुआ। जब उस जहाज के कम्पनी के मालिक को इस बारे में बताया गया कि इतना बड़ा जहाज बना तो लिया है लेकिन वो चालू नहीं हो रहा है।
जहाज के मालिक ने कहा कि इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। आप हमारे राज्य के जो भी सबसे अच्छे इंजीनियर है उनको बुलाइये और उनको दिखाइए कि ये जहाज क्यों चालू नहीं हो रहा है? उनके मैनेजर ने ऐसा ही किया।
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उस राज्य में जितने भी सबसे अच्छे इंजीनियर थे उन सबको उस जहाज को चालू करने के लिए बुलाया गया। सारे इंजीनियर ने जहाज को बहुत गौर से देखा, बहुत देर तक उस जहाज के निरीक्षण में गुजार दिए लेकिन उस जहाज को चालू नहीं कर पाए।
अब मैनेजर थोड़ा परेशान हो गया और अपने मालिक के पास गया। उसने कहा कि अभी जहाज चालू नहीं हो रहा है। जितने भी इंजीनियर आये थे सबने देखा पर कोई उसको चालू नहीं कर पाया। जहाज के मालिक ने कहा कि चलो अभी भी चिंता की कोई बात नहीं है। आप हमारे देश के जो सबसे अच्छे इंजीनियर है उनको बुलाइये। हो सकता है कि वो इसे ठीक कर दें।
उस मैनेजर ने ऐसा ही किया। देश के सबसे अच्छे-अच्छे इंजीनियर को उसने बुलवाया और उस जहाज को चालू करने के लिए कहा। सारे इंजीनियर जहाज को बहुत बारीकी से चेक करने लगे। ऐसा करते हुए लगभग साल भर का समय गुजर चुका था लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। सारे इंजीनियर निराश होकर चले गए पर जहाज चालू नहीं हुआ।
अब वापस मैनेजर अपने मालिक के पास गया और कहा कि जहाज अब भी चालू नहीं हो रहा है। मालिक ने कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आप विदेशों से दुनिया के सबसे अच्छे-अच्छे इंजीनियर को बुलाइये और उस जहाज को दिखाइए कि ऐसी क्या प्रॉब्लम हो गयी है जिसकी वजह से ये जहाज ठीक नहीं हो पा रहा है।
मैनेजर ने ऐसा ही किया। उसने दुनिया के सबसे अच्छे इंजीनियर बुलाये और जहाज को दिखाया कि इसके अंदर ऐसी क्या प्रॉब्लम हो गयी है जिससे कि ये जहाज चालू नहीं हो रहा है? उन्होंने भी जहाज को चेक करना शुरू किया। लगभग छः महीने बीत गए थे लेकिन अब तक जहाज चालू नहीं हो पाया।
अब सारे लोग परेशान हो गए कि आखिर ये जहाज सुधर क्यों नहीं रहा? निराश होकर मैनेजर अपने मालिक के पास गया और उसने सारा हाल अपने मालिक से सारा किस्सा कह सुनाया। इस बार मालिक भी बहुत चिंतित हो गया कि मैंने इस जहाज के पीछे इतना सारा समय बर्बाद कर दिया, इतने सारे पैसे बर्बाद कर दिए लेकिन इतना करने के बाद भी ये जहाज सुधर नहीं पाया।
आखिरकार मालिक ने तंग आकर मैनेजर से कहा कि अब इस जहाज को ऐसे ही छोड़ देना चाहिए और हमें किसी दूसरे प्रोजेक्ट पर काम करना चाहिए। मैनेजर ने कहा कि ठीक बात है लेकिन हमने इतना सारा समय लगाया है, पैसे लगाया है क्या ये सब ऐसे ही बर्बाद चला जायेगा?
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मेरी बात माने तो आपसे एक सलाह है कि हमारे शहर में छोटी पनडुब्बी बनाने वाला एक मेकैनिक है, जो इस शहर में बहुत ही ज्यादा फेमस है। वो ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है लेकिन क्या हम इस मामले में उसकी मदद ले सकते हैं?
मालिक ने थोड़ा गुस्से से कहा कि इतने बड़े-बड़े इंजीनियर देश-विदेश से बुलाये। लेकिन जब वो इंजीनियर इस जहाज को ठीक नहीं कर पाए तो क्या एक छोटा सा पनडुब्बी वाला मेकैनिक हमारे इस बड़े जहाज को ठीक कर पायेगा? आप रहने दीजिए।
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लेकिन मैनेजर ने कहा कि नहीं मालिक हम इतना सारा पैसा और समय बर्बाद कर चुके हैं तो क्यों न हम उस व्यक्ति को भी सिर्फ एक बार मौका दें। मैनेजर के विनम्र निवेदन के बाद मालिक ने उसे परमिशन दे दिया।
मैनेजर उस छोटे से पनडुब्बी को बनाने वाले मेकैनिक के पास गया। उसने कहा कि मेकैनिक साहब हमें अपना जहाज आपसे बनवाना है और इसके लिए आपको हमारे जहाज पर चलना है। मेकैनिक ने उस मैनेजर को देखा और कहने लगा कि साहब मैं एक छोटा सा मेकैनिक हूँ। छोटी-छोटी नाव और पनडुब्बियों को बनाता हूँ। मैंने तो इतना बड़ा जहाज अपने जीवन में कभी नहीं देखा है तो फिर मैं आपके जहाज को कैसे बना सकता हूँ?
उस मैनेजर ने कहा कि मुझे पता है कि आपने ऐसा काम कभी नहीं किया है लेकिन आपका इस शहर में बहुत नाम है। जिनका भी नाव और पनडुब्बी खराब होता है वो सभी आपके पास ही लेकर आते हैं और आप उसको बड़ी ही आसानी से बना देते हैं। इस कारण मेरा विश्वास है कि आप कुछ तो हमारा मदद कर ही सकते हैं।
भले ही आपसे वो जहाज बने या न बने लेकिन एक बार चलकर उसे देख तो लीजिए। मेकैनिक उस मैनेजर के बात को मान गया और जहाज पर चलने को तैयार हो गया। जब वो जहाज पर गया तो वो आश्चर्यचकित रह गया क्योंकि उसने अपने पूरे जीवन में इतना बड़ा जहाज कभी भी नहीं देखा था।
सबसे पहले वो मेकैनिक उस जहाज पर चढ़ा और उसने दो तीन घण्टे तक पूरे जहाज पर घुमा और एक-एक मशीन को देखा। मालिक और मैनेजर दोनों वहीं पर खड़े हुए थे। वे दोनों देख रहे थे कि ये छोटा सा मेकैनिक इस बड़े जहाज को देखकर कितना आश्चर्यचकित हो रहा है? वो उसकी हरकत देखकर मुस्कुरा भी रहे थे और सोच में पड़े हुए थे कि इतना छोटा सा मेकैनिक क्या कर सकता है?
लगभग पांच छः घण्टे तक वो मेकैनिक उस जहाज पर घूमता रहा उसके बाद एक समय ऐसा आया जब वो एक जगह पर जाकर रुक गया और बार-बार वहाँ पर देखने लगा, बार-बार सोचने लगा और वहीं पर खड़ा होकर कुछ देखता रहा।
वहाँ पर बाकी जितने भी लोग थे सब उसको बड़े ही ध्यान से देखने लगे कि ये मेकैनिक एक ही जगह पर खड़ा क्यों हो गया और एक ही जगह पर खड़ा होकर क्या सोच रहा है? वो मकैनिक थोड़ी देर वहाँ पर खड़ा रहा और सोचता रहा।
थोड़ी देर बाद उसने अपने झोले से एक हथौड़े को निकाला और उस हथौड़े से एक ही जगह पर तीन बार जोर-जोर से मारा। उसके बाद वो मैनेजर के पास गया और मैनेजर से कहा कि अब इस जहाज को चालु कर के देख लीजिए।
वहाँ पर खड़े मालिक और मैनेजर का दिमाग खराब हो गया कि इसने तो सिर्फ तीन हथौड़े ही मारे, कुछ किया भी नहीं और कह रहा है कि अब जहाज को चालू कर के देख लीजिए। मैनेजर ने ऐसे ही बिना मन के एक बार जहाज को चालू कर के देखा।
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जैसे ही मैनेजर ने जहाज को चालू किया वो जहाज चालू हो गया। सारे लोग आश्चर्यचकित हो गए और दिमाग लगाने लगे कि इसने ऐसा क्या किया कि इतने कम समय में इस जहाज को चालू कर दिया। सभी लोग बहुत ही खुश हो गए और बहुत ही उत्साहित हो गए। मिठाईयां बंटने लगी क्योंकि इतने समय बाद उनका जहाज पूरी तरह चालू हो चुका था।
अब लोगों के मन में ये जानने की उत्सुकता थी कि आखिर ये जहाज चालू कैसे हो गया? सबने उस मेकैनिक से जाकर पूछा कि ये जहाज इतनी जल्दी चालू कैसे हो गया? तो इस मेकैनिक ने बताया कि आपका जहाज पूरी तरह से ठीक था उसमें कोई भी प्रॉब्लम नहीं था।
बस उसमें एक छोटी से प्रॉब्लम थी। एक छोटी से पंखी थी जो जहाज को चालू करने में बहुत जरूरी थी। वो पंखी कहीं पर फंस रही थी। मैंने दो तीन हथौड़े मारे और वो पंखी फ्री हो गयी। जिसके वजह से आपका जहाज चालु हो गया।
सभी लोग बहुत खुश हो गए। जहाज चालू करने के बाद मेकैनिक वापस अपने दुकान पर चला गया। मालिक ने उस मैनेजर को कहा कि जाइये उस मेकैनिक को उसका फीस पूछकर आइये कि उसका फीस कितना हुआ?
जब मैनेजर उसके पास आया तब मेकैनिक ने उसके हाथ में एक बिल दिया। बिल देखकर मैनेजर थोड़ा मुस्कुराया और अपने मालिक के पास जाकर उस बिल को दे दिया। जब मालिक ने उस बिल को देखा तो मालिक का दिमाग खराब हो गया। उसने मैनेजर से कहा कि ये भी कोई बिल है, इतना बड़ा बिल, किस चीज का?
उसने तो सिर्फ तीन हथौड़े ही मारी है और एक लाख रुपये का बिल बना दिया। मालिक ने मैनेजर से कहा कि हम उसे बिल्कुल एक लाख रुपये देंगे इसमें कोई बड़ी बात नहीं है, हम उसको पूरा एक लाख रुपये ही देंगे। लेकिन उसके पास जाइये और उससे लिखवा कर आइये कि ये इतना ज्यादा बिल किस चीज का है? उसने ऐसा क्या किया कि एक लाख रुपये का बिल हमें बनाकर दिया है।
वो मैनेजर उस मेकैनिक के पास पहुँचा और कहा कि हमारे मालिक ये जानना चाहते हैं कि आपने जो एक लाख रुपये का बिल दिया है ये किस चीज का है? आपने ऐसा क्या किया है हमें उसका पूरा डिटेल्स लिख कर दीजिए।
उस मेकैनिक ने एक और बिल बनाया और मैनेजर को दे दिया। उस बिल को देखकर मैनेजर के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी। वो मैनेजर बिल लेकर मालिक के पास आया और उनको दे दिया। जब मालिक ने उस बिल को पढ़ा तो मालिक के भी चेहरे पर मुस्कान आ गयी। फिर उसने अपने मैनेजर को कहा कि ये एक लाख रुपये लो और जाकर उस मेकैनिक को देकर आओ। ये रुपये देने के बाद उसको वहाँ से बुलाते आना और उसको अपनी कम्पनी में जॉइनिंग दे दो क्योंकि अब वो यहीं काम करेगा।
Most Important Point Of This Short Motivational Stroy In Hindi For Success In Life
अब आपलोगों के मन में भी यहीं प्रश्न आ रहा होगा कि उस बिल में ऐसा लिखा क्या था कि उस मेकैनिक को एक लाख रुपये मिल गए और उसे कम्पनी में जॉइनिंग भी दे दी गयी।
आप ध्यान दीजिएगा कि उस मेकैनिक ने क्या कहा? उस बिल में लिखा था कि बीस रुपये हथौड़े मारने के और हथौड़े कहाँ पर मारने है उसके लिए 99980 रुपये। हथौड़े कोई भी मार सकता था लेकिन किसी को ये पता नहीं था कि हथौड़े मारने कहाँ पर है? उसी बात के लिए 99980 रुपये लिए गये।
हमेशा धयान रखिये कि आपके जीवन में डिग्री से ज्यादा महत्वपूर्ण चीज है आपका एक्सपीरियंस। अगर आपके पास डिग्रीयां बहुत है लेकिन एक्सपीरियंस नहीं है तो उन डिग्रियों का कोई मतलब नहीं रह जाता है। आपके उस पढ़ाई का कोई मतलब नहीं है।
वहीं पर अगर आपके पास डिग्रीयां नहीं है लेकिन अगर आपके पास किसी काम को करने का बहुत अच्छा एक्सपीरियंस है, बहुत समय से उस फील्ड में काम कर रहे हैं तो वाकई में आप अपनी जिंदगी आप संवार सकते हैं।
उम्मीद है कि आपको ये best motivational speech in hindi for success काफी पसंद आया होगा। आपको हमारी ये प्रेरणादायक हिंदी कहानी कैसी लगी, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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