जिंदगी बदलने वाली 5 कहानियां | Powerful Hindi Motivational Story

World Best 5 Real Life Short Motivational Story In Hindi For Students | जिंदगी बदलने वाली कहानियां | सोच बदलने वाली कहानी

World best real life motivational story in hindi for students,life changing motivational story in hindi
Real Life Motivational Story In Hindi
आज आपको Real Life 5 Motivational Story In Hindi For Students सुनाने जा रहे हैं, जिसको पढ़ने से न केवल आपकी सोच बदल जाएगी बल्कि आपके जीने का नजरिया भी बदल जायेगा।
 
ये पांचों short hindi motivational story पढ़कर आपको इतनी प्रेरणा मिलेगी कि आप कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। बस आपको लक्ष्य के प्रति थोड़ा पागल होने की जरूरत है।
 
तो चलिए बिना देर किये इस hindi motivational story को शुरू करते हैं।

लक्ष्य पाने की कहानी | Short Motivational Story In Hindi For Students

 

अगर आपके अंदर कुछ करने को शक्ति नहीं है तो फिर आपका इस धरती पर आना व्यर्थ है। पर एक बात हमेशा याद रखें कि ये जीवन सबके लिए एक ही बार मिलता है, सबके पास उतना ही समय रहता है। फिर आप क्यों अभी तक सफल नहीं हो पाए, क्या आपके अंदर कुछ करने की शक्ति नहीं है।

 

अगर आप अपने जीवन को बदलने की कोशिश करें तो आपकी जीवन जरूर बदल सकती है। ये लघु प्रेरणादायक कहानी जीवन में एक बहुत बड़ी सीख देगी। इस कहानी से शायद आपका जीवन बदल देगा। तो चलिए बिना किसी देरी के इस जीवन बदलने वाली कहानी को शुरू करते हैं।

 

एक बार की बात है। एक मूर्तिकार ने मंदिर में जाकर मन्नत मांगी और कुछ दिनों बाद उसकी मन्नत पूरी हो गई। उसके बाद वो मूर्तिकार मंदिर पहुँचा और सोचने लगा कि मैं भगवान को क्या दूँ? सोचते-सोचते उसके मन में ये विचार आया कि इस मंदिर के लिए बहुत सुंदर मूर्ति बना देता हूँ।


उसने ये सोचकर मंदिर के बाहर आया और पत्थर ढूंढने लगा तो अचानक उसकी नजर एक छोटे से पत्थर पर गयी। उसने सोचा कि ये पत्थर छोटा है और इससे मूर्ति बहुत आसानी से बन जायेगी। मूर्तिकार पत्थर को उठाकर मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया।


जैसे ही मूर्तिकार ने हथौड़े से पत्थर पर मारना शुरू किया पत्थर रोने लगा और चीख-चीखकर कहने लगा कि मुझे छोड़ दो, मुझे मूर्ति मत बनाओ, मुझे बहुत दर्द हो रहा है। पत्थर के बार-बार कहने पर मूर्तिकार ने पत्थर को छोड़ दिया और दूसरा पत्थर ढूँढने लगा।


पास में ही उसको बड़ा सा पत्थर नजर आया। उस बड़े पत्थर ने मूर्तिकार से कहा कि आप मुझे मूर्ति बना दो। मूर्तिकार ने कहा कि सोच लो तुम बहुत बड़े हो इसलिए तुमको बहुत चोट सहने पड़ेंगे, बहुत छैनी-हथौड़े खाने पड़ेंगे। ये सुनकर भी उसे बड़े पत्थर ने कहा- कली बात नहीं मैं सह लूंगा। लेकिन आपसे एक प्रार्थना है कि मुझे कुछ अच्छा बना देना ताकि लोग मुझसे प्रेम करें।


मूर्तिकार ने फिर उस पत्थर को उठा लिया और छेनी-हथौड़ी से पत्थर को मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया। कुछ दिनों बाद वो पत्थर एक बहुत ही खूबसूरत मूर्ति बन गया। मूर्तिकार ने उस मूर्ति को मंदिर में रख दिया और बड़े ही धूमधाम से उसका स्थापना कर दिया।


सारे लोग उसकी पूजा करने लगे, तरह-तरह के चढ़ावा चढ़ाने लगे, उस पर फूलों का हार चढ़ाया जाने लगा। फिर किसी ने उस मूर्ति पर नारियल चढ़ाने के लिए आया। अब उसको नारियल फोड़ने के लिए कुछ जुगाड़ नहीं मिल रहा था। तभी उसकी नजर उस छोटे से पत्थर पर पड़ी जो मूर्ति बनने से डरकर रो रहा था।


उस आदमी ने उस पत्थर को उठाया और मूर्ति के बगल में ही उसको रख दिया। उसके बाद से रोज हजारों भक्त उस पत्थर पर नारियल मार-मारकर फोड़ते और वो पत्थर जोर-जोर से रोता। अब उस पत्थर को हर पल पीड़ा सहना पड़ता है और वहीं पर उस बड़े पत्थर वाले मूर्ति को लोग बड़े ही स्नेह से पूजा करते हैं, आरती करते हैं, फूल चढ़ाते हैं।


इस मोटिवेशनल कहानी को आपको बताने का हमारा एक ही मकसद है कि आप उस छोटे पत्थर के जैसा न बनें। चलिए आपसे कुछ सवाल पूछते हैं। क्या आप उस छोटे पत्थर के जैसा बनना चाहेंगे जो थोड़ी सी दर्द से घबराता है, पीड़ा से बचता है या फिर उस बड़े पत्थर के जैसा जो कुछ दिन दर्द सहकर पूरा जीवन भगवान के रूप में पूजा जाता है। आप किस तरह का पत्थर बनना चाहते हैं इसका उत्तर आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर दीजियेगा।


दोस्तों आप एक बात का हमेशा ध्यान रखिये कि अगर आपके अंदर अपने जीवन को बदलने के लिए थोड़ा सा दर्द सहने की साहस नहीं है, यदि आपको अपमान से डर लगता है, सज्जन व्यक्ति के मार से घबराते हैं, आपको असफलता से डर लगता है तो याद रखिये आप कभी उस मूर्ति के जैसा नहीं बन सकते हैं जिसको लोग पूजते हैं। आपको हर पल उस छोटे पत्थर के जैसा जीवन भर ठोकरें खाने पड़ेंगे।


एक बात को अपने दिमाग में जरूर बिठा लीजिये कि हीरा हो या पत्थर उनकी कीमत तभी होती है जब वे पीड़ा से होकर गुजरते हैं, उनको भी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। अगर आप सोचते हैं कि हमको कोई तकलीफ नहीं हुआ तब आप समझ लीजिए कि आगे आपको काफी तकलीफों का सामना करना होगा।


इसलिए इन बातों का अपने जीवन में हमेशा याद रखियेगा कि जबतक आप अपमान नहीं सहेंगे तबतक आपको सम्मान नहीं मिलेगा, जब तक आप चुनौतियों का सामना नहीं करेंगे तब तक सफलता हाथ नहीं लगेगी।


इसलिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए चुनौतियों का डंटकर सामना कीजिये क्योंकि इतिहास गवाह है कि जिसने भी चुनौतियों से लड़कर उस पर विजय प्राप्त किया है उसी ने एक दिन इतिहास रचा है।

 

Life Changing Short Motivational Story In Hindi For Kids | जिंदगी बदलने वाली दो लड़कों की कहानी

ये पॉवरफुल मोटिवेशनल स्टोरी है एक गांव में रहने वाले दो बच्चों की। उनमें से एक छः साल का था और दूसरा दस साल का। दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। बिल्कुल शोले के जय और वीरू जैसे। हमेशा साथ साथ रहते,खेलते,नहाते मतलब कोई भी काम बिना एक दूसरे के नहीं करते। जो भी करते थे साथ ही करते थे।

 

एक दिन की बात है जब वो दोनों बच्चे खेलते हुए गांव से थोड़े दूर निकल गये और खेलते-खेलते जो बड़ा बच्चा था वो एक कुँए में गिर गया और जोर – जोर से चीखने चिल्लाने लगा क्योंकि उसको तैरना ही नहीं आता था।

 

अब जो 6 साल का दूसरा बच्चा था उसने अपने आसपास देखा पर कोई नजर नहीं आया कि वो किसी को बता सकें कि उसका दोस्त इस कुएं में गिर गया है।

 

तभी उसकी नजर एक बाल्टी पर पड़ी, जिसमे एक रस्सी बंधी हुई थी। उसने बिना कोई समय गंवाए उस बाल्टी को कुँए में फेंक दिया और अपने दोस्त को बोला कि इस बाल्टी को पकड़ लो।

 

ये भी पढ़ें:- Motivation की आग। ये 5 कहानियां आपके अंदर जुनून भर देगा।

 

उसके दोस्त ने उस बाल्टी को पकड़ा और जो 6 साल का उसका दोस्त था वो अपनी पूरी ताकत लगाकर रस्सी को बाहर खींचने लगा। अपनी पूरी जान लगाकर रस्सी खिंचता रहा,क्योंकि वो छः साल का था और जो उसका दोस्त कुएं में डूब रहा था वो दस साल का था।

 

इसलिए उसको बाहर खींच पाना उसको क्या शायद किसी भी छः साल के बच्चे को ऐसा कर पाना सम्भव नहीं था। लेकिन वो छः साल का लड़का रस्सी खींचना तब तक नहीं रुका जब तक कि वो अपने दोस्त को बाहर न निकाल लिया।

 

जब दस साल का बच्चा बाहर निकला और दोनों साथ हुए तो वे दोनों एक दूसरे को गले लगाकर रोने लगे। वो दोनों अब सोचने लगे कि अब गांव जाकर ये सब बताने पर बहुत पिटाई होगी। लेकिन दोस्तों मजे की बात ये हुई कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

 

वे दोनों लड़के जब गांव गए और जाकर जब इन दोनों बच्चों ने इस पूरी घटना को अपने घरवालों और गांव वालों को बताया तो किसी ने इनकी बातों पर विश्वास नहीं किया क्योंकि उस छः साल के बच्चे में इतनी भी ताकत नहीं थी कि वो पानी से भरी हुई बाल्टी भी उठा सकें।

 

फिर उतने बड़े दस साल के बच्चे को कुएं से इतने ऊपर खींच कर बचा लेना बहुत दूर की बात है। लेकिन दोस्तों उस गांव में एक आदमी ऐसा था जो इनकी बातों पर विश्वास कर लिया। जिसे लोग रहीम चाचा के नाम से पुकारते थे। वो गांव के सबसे बुद्धिमान बुजुर्गों में से एक थे।

 

उनको लगा कि ये दोनों बच्चे कभी झूठ नहीं बोलते हैं। ये कह रहे हैं तो जरूर कोई न कोई बात जरूर होगी और फिर सारे गांव वाले इक्कट्ठे होकर उस रहीम चाचा के पास गए और बोले कि आप ही बता दो ये कैसे हो सकता है?

 

उन्होंने लोगों से कहा- बच्चे बता तो रहे हैं कि उन्होंने ऐसा कैसे किया ? बाल्टी को रस्सी के सहारे नीचे फेका और उसके दोस्त ने बाल्टी को पकड़ा फिर उसके दोस्त ने रस्सी को बाहर खींच कर अपने दोस्त को बचा लिया।

 

सारे गांव वाले उनकी शक्ल देखने लगे और कहने लगे ये कैसे सम्भव है ? फिर उस रहीम चाचा ने कहा- सवाल ये नहीं है कि वो छोटा सा छः साल का बच्चा ऐसा कैसे कर पाया, बल्कि सवाल ये है कि वो ये क्यों कर पाया, उसके अंदर इतनी ताकत आयी कैसे?

 

इसका सिर्फ एक जवाब है कि जिस वक्त उस बच्चे ने ये किया उस टाइम पर उस जगह पर दूर-दूर तक ये बताने वाला कोई नहीं था कि तू ये नहीं कर सकता, ये तेरे वश की बात नहीं है तेरे अंदर इतनी ताकत नहीं है। वहाँ ये सब नेगेटिव बात कहने वाला कोई नहीं था यहाँ तक कि वो खुद भी नहीं।

 

इस पॉवरफुल मोटिवेशनल स्टोरी से हमें ये सिख लेनी चाहिए कि आप किसी भी काम को तब तक कर सकते हैं जब तक कि आपको ये बताने वाला नहीं है कि तुम ये नहीं कर सकते।

 

तुम हर वो काम को कर सकते हो जो तुम करना चाहते हो। बस उस काम को करते समय एक ही बात ध्यान रखना की मुझे ये करना है तो करना है। फिर दुनिया की कोई भी ताकत तुमको सफल होने से रोक नहीं सकती।

 

Poor to Rich Short Inspirational Story In Hindi for Students with Moral | सोच बदलने वाली कहानी

 

आज आपको एक ऐसी Real Life Short Inspirational Story सुनाने वाले हैं जिसको पढ़ने के बाद आप ये समझ जाएंगे कि हमारे सफलता के लिए हमारी सोच कितनी बड़ी भूमिका निभाती है।

 

अगर हम सोच लिये कि हमारे लिए ये करना आसान है तो वो कठिन काम भी कितना आसान बन जाता है इस Real Life Short Inspirational Story के पढ़ने के बाद आप समझ जाएंगे। तो चलिए इस hindi inspirational story को शुरू करते हैं।

 

आज आपसे एक बात कहना चाहूंगा कि हमारी सफलता में हमारी सोच और हमारी मेहनत का बहुत बड़ा हाथ होता है। हम अपने बारे में क्या सोचते हैं, कैसे सोचते हैं ये हमारी जिंदगी में बहुत महत्व रखता है। अगर आपको मेरी इस बात पर यकीन ना हो तो आप बस एक बार अपनी सोच बदल कर देखिए आपकी जिंदगी बदल जाएगी। 

 

आपको इसी बात का महत्व बताने के लिए एक short hindi inspirational story सुनाने जा रहे हैं। जिससे आपकी सोच बदल जाएगी बस इस छोटी सी कहानी को ध्यान से पढ़ियेगा।

 

किसी गांव में एक लड़का रहता था। उसके बाल्यावस्था में पिता की अचानक मृत्यु हो जाने के कारण घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर हो गयी थी। उसकी माँ घर चलाने के लिए दूसरों के घर जाकर बर्तन माँजती और सिलाई करती थी और परिवार का भरण पोषण कर रही थी।

 

ये भी पढ़ें:- गौतम बुद्ध क्यों महान थे जानें बहुत ही प्रेणादायक कहानी।

 

वह लड़का हमेशा चुपचाप बैठा हुआ अकेला शांत रहता था। एक दिन की बात है जब उसके अध्यापक ने उसे एक पत्र दिया और कहा- इसे अपनी माँ को दे देना। जब उसकी माँ बाहर से काम करके आयी तो उस लड़के ने अपनी माँ को पत्र दे दिया।

 

उसकी माँ ने जब उस पत्र को पढ़ा तो वह पत्र पढ़कर मुस्कुराने लगी। माँ को मुस्कुराते हुए देख उसके बेटे ने अपनी माँ से पूछा- माँ इस पत्र में ऐसा क्या खास लिखा है कि तुम इसे पढ़कर इतना खुश हो रही हो ?

 

माँ ने मुस्कुराते हुए कहा- बेटा! इसमें लिखा है कि आपका बेटा कक्षा में सबसे होशियार है। इसका दिमाग सभी बच्चों से तेज है। हमारे पास ऐसे कोई अध्यापक नहीं है जो आपके बच्चे को पढ़ा सके।

 

इसलिए आप अपने बेटे की भलाई के लिए इसका एडमिशन किसी दूसरे अच्छे स्कूल में करवा दीजिये ताकि वो और अच्छी शिक्षा हासिल कर सके। यह बात सुनकर लड़का खुश हो गया और साथ ही साथ उसके अंदर कॉन्फिडेंस भी बहुत बढ़ गया।

 

वह मन ही मन सोचने लगा कि मेरे पास जरूर कुछ ऐसा खास है जिसके कारण मैं इतना बुद्धिमान और तीव्र बुद्धि वाला लड़का हूँ। उसकी माँ ने अगले दिन उसका एडमिशन किसी दूसरे बड़े स्कूल में करवा दिया।

 

उस लड़के ने अब और मन लगाकर पढ़ाई करने लगा। एक दिन उस लड़के ने अपने मेहनत के दम पर सिविल सर्विसेज का एग्जाम पास कर लिया।

 

उसकी माँ अब काफी बूढ़ी हो चुकी थी। उसकी माँ की एक बीमारी से ग्रस्त होने के कारण उसकी एक दिन अचानक मौत हो गयी। उस लड़के को अपनी माँ से बहुत लगाव था। वह अपनी माँ के मौत की खबर सुनकर बहुत रोया।

 

तभी एक दिन अचानक अपनी माँ की अलमारी खोली और अपनी माँ के सामने देखने लगा। तभी उसकी नजर एक पत्र पर पड़ी। यह वही पत्र था जो उसके टीचर ने उसके माँ को देने के लिए कहा था।

 

जब उसने उस पत्र को पढ़ा तो उसके होश उड़ गए। पता नहीं ऐसा उस पत्र में क्या लिखा था? उस पत्र में लिखा था कि आपको यह बताते हुए हमें यह बहुत दुःख ही रहा है कि आपका बेटा पढ़ाई लिखाई में बहुत कमजोर है। वह खेलकूद में भी उतना अच्छा नहीं है।

 

जिस तरह से आपके लड़के की उम्र बढ़ रही है उस तरह से न तो उसकी बुद्धि का विकास नहीं हो रहा है और न ही वो ठीक से पढ़ पा रहा है। 

 

इसलिए हम आपके बच्चे को इस स्कूल से निकाल रहे हैं। हो सके तो आप इसका एडमिशन किसी दूसरे स्कूल में करवा दीजिये नहीं तो आप इसे घर पर ही रखिये और पढ़ाइये।

 

दोस्तों इस short hindi inspirational story से यह समझाना चाहता हूँ कि जिस प्रकार पत्र पढ़ कर उसकी माँ ने अपने बेटे की सोच बदल दी ठीक उसी प्रकार आप भी अपनी सोच बदल सकते हैं।

 

मैं आपसे फिर कहता हूँ हम अपने बारे में क्या सोचते हैं यह हमारी जिंदगी में बहुत मायने रखता है। इसलिए हमेशा कुछ अच्छा और पॉजिटिव सोचिए। इससे आपकी सोच बदल जाएगी और अगर आपकी सोच बदल गयी तो आपकी जिंदगी बदल जायेगी।

 

Real Life Emotional Motivational Story In Hindi for Kids | जिंदगी बदलने वाली कहानी

 

इस Real Life Emotional Motivational Story In Hindi for Kids के बाद आपको ये जान कर हैरानी होगी कि आपकी जिंदगी की वैल्यू किस जगह पर क्या होती है?

 

कहीं आप भी अपनी जिंदगी की वैल्यू ऐसे जगहों पर तो नहीं माप रहे हैं जहाँ आपकी कोई वैल्यू ही नहीं हो? तो चलिये बिना देरी किये जानते हैं कि आपके जिंदगी की वैल्यू क्या है और आप कितने मूल्यवान हो?

 

एक बार की बात है जब एक लड़के ने अपने पापा से पुछा कि मेरे जीवन का क्या वैल्यू है? उसके पापा ने कहा- अगर तुम सच में अपने जिंदगी की कीमत समझना चाहते हो तो मैं तुम्हे एक पत्थर देता हूँ। 

 

इस पत्थर को बाजार में लेकर जाओ और अगर कोई इसका दाम पुछे तो कुछ मत कहना बस अपनी दो उंगली खड़ी कर देना।

 

ये भी पढ़ें:- कंगना रनौत की मोटिवेशनल से भरपुर कहानी।

 

वो लड़का उस पत्थर को लेकर बाजार गया। कुछ देर बाद उसके हाथ में पत्थर देख एक बूढ़ी औरत उसके पास आई और उस पत्थर का दाम पूछने लगी। वो लड़का एकदम चुप रहा और अपनी दो उंगलियां खड़ी कर दी।

 

तभी वो बूढ़ी औरत बोली दो सौ रुपये! ठीक है इस पत्थर को मैं दो सौ रुपये में खरीद लुंगी। वो बच्चा एकदम से हैरान रह गया कि एक पत्थर के दो सौ रुपये। एक वैसे पत्थर के लिए दो सौ रुपये जो कहीं पर भी पड़ा हुआ मिल जाता है।

 

वो लड़का तुरन्त अपने पापा के पास गया और बोला- पापा! मुझे इस पत्थर के बाजार में एक बूढ़ी औरत ने दो सौ रुपये देने के लिए तैयार थी। पापा ने कहा- इस बार इस पत्थर को किसी म्यूजियम में लेकर जाना और अगर इसका कोई प्राइज पुछे तो कुछ मत कहना बस अपनी दो उंगली खड़ी कर देना।

 

वो लड़का एक म्यूजियम में गया। वहाँ पर एक आदमी की नजर उसके हाथ में पड़ी एक पत्थर पर पड़ी। वो आदमी उस लड़के से उस प्राइज पूछा पर वो लड़का एकदम से चुप रहा और उसने अपनी दो उंगलियां खड़ी कर दी।

 

तभी वो आदमी बोला- बीस हजार रुपये! ठीक है मैं तुम्हें इस पत्थर के बीस हजार रुपये देने के लिए तैयार हूँ। ये पत्थर तुम मुझे दे दो। वो लड़का फिर से चौंक गया और जाकर अपने पापा से कहा- पापा! म्यूजियम में एक आदमी इस पत्थर के बीस हजार रुपये देने को तैयार था।

 

तभी उसके पापा ने कहा- मैं अब तुम्हे आखिरी जगह भेजने जा रहा हूँ और अब तुम्हें किसी कीमती पत्थरों के दुकान पर जाना है। अगर वहाँ पर भी कोई तुमसे इस पत्थर का प्राइज पूछे तो कुछ मत कहना बस अपनी दो उंगलियां खड़ी कर देना।

 

वो लड़का जल्दी से एक कीमती पत्थरों के दुकान ओर गया। उसने देखा कि एक बूढ़ा आदमी जो काउंटर के पीछे खड़ा था। जैसे ही उस बूढ़े आदमी की नजर उस पत्थर पर पड़ी वो चौंक गया।

 

वो आदमी तुरंत दुकान से बाहर निकला और तुरन्त उस बच्चे के हाथ से पत्थर लेकर कहा- हे भगवान! इस पत्थर की तलाश में अपनी पुरी जिंदगी गुजार दी। उस दुकानदार ने तुरंत उस लड़के से कहा- तुमको ये पत्थर कहाँ से मिला, तुम इस पत्थर के लिए कितना रुपये लोगे।

 

बच्चा एकदम से चुप रहा और बस अपनी दो उंगलियां खड़ी कर दी। तभी वो बूढ़ा आदमी ने कहा- दो लाख रुपए! ठीक है मैं इस पत्थर के लिए तुमको दो लाख रुपये देने के लिए तैयार हूँ। प्लीज तुम ये पत्थर मुझे दे दो।

 

उस लड़के को अब भी विश्वास नहीं हो रहा था कि एक पत्थर के लिए दो लाख रुपये मिल रहे हैं। वो लड़का जल्दी से दौरा हुआ अपने पापा के पास गया और बोला- पापा! वो बुढा आदमी इस पत्थर के लिए दो लाख रुपये देने को तैयार है।

 

तभी उसके पापा ने कहा- क्या तुम अब अपने लाइफ की वैल्यू समझे? तुम्हारे लाइफ की वैल्यू इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने आपको किस रूप में कहा रखते हो? बस आप पर निर्भर करता है कि आपको दो सौ रुपये का पत्थर बनना है या फिर दो लाख रुपये का।

 

ये भी पढ़ें:- स्टूडेंट्स के लिए सबसे बेहतरीन मोटिवेशनल स्टोरी।

 

जिंदगी में कई सारे ऐसे लोग होते हैं जो आपसे बहुत प्यार करते हैं, उनके लिए आप सबकुछ है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो आपको सिर्फ एक वस्तु के रूप में उपयोग करते हैं उनके लिए आप कुछ भी नहीं है। बस ये आप पर निर्भर करता है कि आपके लाइफ की वैल्यू क्या होगी?

 

Real Life Short Inspirational Story In Hindi With Moral | जीवन को बदलने वाली बातें

 

ये short powerful hindi inspirational story सुनने के बाद कोई भी काम पुरी ईमानदारी और मेहनत से करोगे। आप समझ लो कि ये प्रेणादायक कहानी आपको पुरी मेहनत और ईमानदारी से काम करने को मजबूर कर देगी।

 

ये कहानी एक गांव के लड़के की है। घर की मजबूरी और पैसों की कमी की वजह से वो दूर शहर में काम करने के लिए गया ताकि कुछ पैसे कमा सकें जिससे उसके घर का खर्चा चल सके।

 

उसने काफी दिनों तक काम का तलाश किया। आखिरकार उसे एक दिन काम मिल जाता है। वो लड़का अपना काम पुरी ईमानदारी और मेहनत से करता था। 

 

ये देखकर उसका मालिक बहुत खुश हुआ। छः महीने तक ऐसे ही वो लड़का अपनी मेहनत और ईमानदारी से काम करता रहा।

 

छः महीने बाद वो लड़का एक दिन अपने मालिक से कहा- मैं वापस अपने घर जाना चाहता हूँ। उसे पुरी उम्मीद थी कि उसका मालिक उसे घर जाने से नहीं रोकेगा। 

 

लेकिन उस लड़के के सोच से विपरीत उसका मालिक उसे घर नहीं जाने दिया और कहा- दो महीने और रुक जाओ फिर बाद में तुम अपने घर जा सकते हो। इस पर लड़के को थोड़ा गुस्सा आया फिर भी वो शांत होकर अपने मालिक से पुछा- बताइये क्या काम है?

 

मालिक ने कहा- हमें एक घर खरीदना है। तुम इस पुरे शहर में घुमों और तुमको जो घर अच्छा लगे उसको मेरे लिए खरीद लो और जैसे ही तुम ये काम खत्म कर लोगे तुम अपने घर कुछ दिनों के लिए चले जाना। ये सुनकर वो गांव का लड़का बहुत खुश हुआ और वो जल्दी से उसने एक अच्छा सा घर खरीद देता है।

 

घर खरीदने के बाद वो मालिक के पास गया और कहा- मालिक! मैंने आपके लिए अच्छा घर खरीद लिया है क्या मैं अब अपने घर जा सकता हूँ? उसका मालिक हैरान हो जाता है, उसको विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मात्र 10 दिनों में कैसे अच्छा घर खरीद सकते हो।

 

मालिक हैरान होकर पूछा- तुम जो घर खरीदे हो वो अच्छा है कि नहीं।
लड़का बोला- मालिक ये घर बहुत अच्छा था इसलिए मैंने इसे खरीद लिया। अब मैं दस दिनों के लिए घर चला जाऊं।
मालिक ने कहा- नहीं, सिर्फ दो दिनों के लिए घर जाओ।


गांव का लड़का कहा- मालिक! ये कैसे हो सकता है? मुझे गांव जाने में ही एक दिन लगेगा। अब आप ही बताइए भला मैं दो दिनों में कैसे वापस आ जाऊं? मुझे अपने परिवार के साथ भी तो समय बिताना है।

 

मालिक ने कहा- अब से तुम हमेशा परिवार के साथ ही समय बिताओगे क्योंकि मैंने जो घर खरीदने के लिए बोला था वो मेरा नहीं बल्कि तुम्हारा है। वो तुमको और तुम्हारे परिवार के लिए मेरे तरफ से तोहफा है।

 

ते सुनकर वो लड़का खुश होने के विपरीत मायूस हो जाता है। वो कहता है मालिक अगर आपने पहले कहा होता कि ये घर आप मेरे लिए खरीद रहे हो तो मैं इससे थोड़ा और अच्छा घर खरीदता।

 

मालिक ने कहा- मैंने तुम्हें घर खरीदने के लिए दो महीने का समय दिया था। तुमने दस दिन में खरीदकर अपना नुकसान किया है। अब तुम अपने मर्जी से जो घर खरीद लिए हो उसी में रहो।

 

 असल जिंदगी में ये हमारे साथ भी होता है। इस कहानी में जो मालिक था वो हमारे जिंदगी में वक्त होता है और हमेशा हम यहीं कहते हैं कि अगर हमारे पास वक्त होता तो मैं और अच्छा किया होता।

 

इसीलिए आप अपने जिंदगी में जो भी कर रहे हो उसे पुरी जुनून और मेहनत के साथ कीजिये। क्या पता आज आप जो काम कर रहे हो वो आने वाले समय में आपकी जिंदगी बदल दें।

 

ये भी पढ़ें:- माँ-बेटे की रुला देने वाली कहानी। सच्चे पुत्र की कहानी।

 

उम्मीद करता हूं कि आपको Real Life 4 Motivational Story In Hindi for Students पढ़कर आपको जरूर प्रेरणा और मोटिवेशन मिला होगा।

 

अगर आपको ये 4 short hindi motivational story अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर कीजियेगा और जिंदगी में तरक्की हासिल करते रहिए।

Share this article on

Leave a Comment